Sunday, December 22, 2019



#भारतीय_नागरिक

        देश में "नागरिकता संशोधन कानून" #CAA और "राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर" #NRC को लेकर चर्चा का माहौल गर्म है, लेकिन किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।

        संविधान का अनुच्छेद 5 कहता है कि अगर कोई व्यक्ति भारत में जन्म लेता है, और उसके मां-बाप दोनों या दोनों में से कोई एक भारत में जन्मा हो तो वो भारत का नागरिक होगा। भारत में संविधान लागू होने के 5 साल पहले यानी 1945 के पहले से रह रहा हर व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा।

        #CAA क्या है ? इस एक्ट अनुसार #अफ़ग़ानिस्तान, #पाकिस्तान और #बांग्लादेश से जो भी हिन्दू भागकर भारत आएगा और आकर कहेगा उसके साथ धर्म के आधार पर उत्पीड़न किया जा रहा था, इसलिए वो भारत शरण लेने आया है, उसके पास दो जोड़ी कपड़ों के अलावा कोई डॉक्यूमेंट नही है। फिर सरकार कहेगी चिंता मत करो CAA कानून अनुसार हम तुम्हारा सारा कागज़ आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड बनाकर तुम्हे भारतीय नागरिकता दे देंगे ।

        #NRC क्या है, नेशनल रजिस्टर्ड सिटीजन ? NRC सरकारी दस्तावेज पर आधारित एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमे भारतीय नागरीक को दस्तावेजों के आधार पर दुबारा अपने दम पर साबित करना होता है वो भारत का नागरिक है !

        जैसा कि ज्ञात है असम में NRC को दस्तावेजों की जांच पड़ताल करने में लगभग छह साल लगे जिसमें 92 हज़ार सरकारी अधिकारी लगे, सरकार 1600 करोड़ खर्च बताती है लेकिन अनुमानित खर्च 8000+ करोड़ रुपए हुआ जिसमें 19 लाख लोगों को अवैध प्रवासी घोषित कर उनकी नागरिकता छीन ली गई, उनका वोटिंग अधिकार छीन लिया गया, जिन्हें अब असम में डिटेंशन कैंप रखा गया है।

        अब अगर पूरे भारत में NRC लागु हुई तो क्या होगा ? तब CAA और NRC मिलकर बहुत खतरनाक रिएक्शन करेंगे, CAA को NRC के लिए ही बनाया गया है ।

        साथियों आप कल्पना नहीं कर सकते कि कितनी लंबी लाइनें लगेंगी। महीनों तक देश अस्त व्यस्त रहेगा। बरसों से अपने गांव कस्बों से दूर रह रहे लोग सारे कामकाज छोड़कर जमीनों की मिल्कियत और रिहाइश के प्रमाण लेने के लिए अपने गांव आएंगे। इनमें से कुछ यह भी पाएंगे कि पटवारी लेखपाल से सांठगांठ करके लोगों ने जमीनों की मिल्कियत बदल दी है। बहुत बड़े पैमाने पर संपत्ति के विवाद सामने आएंगे। खून खच्चर भी होगा।

        याद रखिए कि आधार कार्ड और पैन कार्ड दिखाकर आप अपनी नागरिकता सिद्ध नहीं कर सकते। जो लोग यह समझ रहे हैं कि एनआरसी के तहत सरकारी कर्मचारी घर-घर आकर कागज देखेंगे, उन  नादानों को यह मालूम होना चाहिए कि एनआरसी के तहत नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी व्यक्ति की होगी, सरकार की नहीं। इसके अलावा जिसकी नागरिकता जहां से सिद्ध होगी, उसे शायद हफ्तों वही रहना पड़े। करोड़ों लोगों के कामकाज छोड़कर लाइनों में लगे होने से देश का उद्योग व्यापार और वाणिज्य, और सरकारी गैर सरकारी दफ्तरों का कामकाज चौपट हो जाएगा।

        इक्का-दुक्का घुसपैठियों को छोड़कर ज्यादातर जेनुइन लोग ही परेशान होंगे। श्रीलंकाई, नेपाली और भूटानी मूल के लोग, जो सदियों से इस पार से उस पार आते जाते रहे हैं, उन्हें अपनी नागरिकता सिद्ध करने में दांतो से पसीना आ जाएगा। जाहिर है, इनमें से ज्यादातर हिंदू ही होंगे। लगातार अपनी जगह बदलते रहने वाले आदिवासी समुदायों को तो सबसे ज्यादा दिक्कत आने वाली है। वन क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोग वहां की जमीनों पर वन अधिकार कानून के तहत अपना कब्जा तो साबित कर नहीं पा रहे हैं, नागरिकता कैसे साबित करेंगे। दूरदराज के पहाड़ी और वनक्षेत्रों में रहने वाले लोग, घुमंतू समुदाय, अकेले रहने वाले बुजुर्ग, अनाथ बच्चे, बेसहारा महिलाएं, विकलांग लोग और भी प्रभावित होंगे। लेकिन इसमें कुछ लोगों की पौ बारह भी हो जाएगी। प्रक्रिया को फैसिलिटेट करने के लिए बड़े पैमाने पर दलाल सामने आएंगे।  जिसके पास पैसा है, वे व्यक्ति जेनुइन नागरिक न होने के बावजूद फर्जी कागजात बनवा लेंगे। नागरिकता सिद्ध करने में सबसे ज्यादा दिक्कत उसे होगी, जो सबसे ज्यादा वंचित है। और हां जो लोग अपनी नागरिकता प्रमाणित नहीं कर पाएंगे उनके लिए देश में डिटेंशन सेंटर बनेंगे। इन डिटेंशन सेंटर्स को बनाने और चलाने में देश के अरबों खरबों रुपए खर्च होंगे। कुल मिलाकर देश का सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य अस्त-व्यस्त हो जाएगा।

         देश में पहले से ही व्याप्त भुखमरी, बेरोजगारी, गरीब दलित-आदिवासी-पिछडा़-मुस्लिम उत्पीड़न, गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और बढ़ता कट्टरपन, जातिवाद, बढ़ता भ्रष्टाचार, बढ़ती महिला असुरक्षा, बढ़ति मौब-लिंनचिंग, लगातार पानी के स्तर का गिरना, व बढ़ते वायु प्रदूषण और सीमित प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन इत्यादि जैसी समस्याओं से पहले से ही देश की जनता बहुत परेशान है त्रस्त है फिर देश के #प्रधानमंत्री और #गृहमंत्री जी क्यों CAA और NRC के पीछे लगे हैं? क्या पहले से व्याप्त इन समस्याओं का समाधान आपके पास नहीं है ?  क्या वास्तव में आप देश में प्रगति चाहते हैं? या देश की आवाम को गुमराह करना चाहते हैं?

        यह जनता है सब जानती है। पूरे देश में CAA, व NRC  का जमकर विरोध हो रहा है सभी समाज जाति धर्म के लोग इसका विरोध कर रहे हैं इसी विरोध प्रदर्शन में सरकार द्वारा प्रायोजित गुंडे प्रदर्शन की रूपरेखा को चेंज कर दे रहे हैं और जिसमें आगजनी, मारपीट, पत्थरबाजी, इत्यादि के जरिये बड़ी हि चालाकी से देश का सामाजिक सौहार्द बिगाड़ा हुआ है। 

       वैसे तो मैं NRC/CAA जैसे मुद्दे पर सारा दिन सारी रात लिख सकता हूं लेकिन आप सभी को जानकारी के लिए इतना ही काफी है। मैं इस नये क़ानून का और इसे बनाने वाले व समर्थन करने वाले सभी लोगों का समर्थन नहीं करता हूँ, हाँ मैं  इस क़ानून का विरोध करता हूँ क्योंकि यह मेरे हिसाब से असंवैधानिक है।

👊 जय भीम जय समाजवाद 💐 जय संविधान जय भारत 👊

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सोमवीर सिंह
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